वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज :-बलिया। जनपद के गंगा के तटवर्ती इलाके तस्करों का सेफ जोन बन गया है। पशु व शराब तस्कर रात के अंधेरे में बे -रोक टोक अपने कामों को अंजाम दे रहे हैं। इलाकाई पुलिस को पूरी जानकारी होने के वावजूद चंद पैसों के लालच में विरोध न कर उल्टे संरक्षण देने पर उनका मनोबल बढ़ा हुआ है। इस काम में तटवर्ती इलाके के मनबढ़ किस्म के युवा जुड़े हुए है जिससे खिलाफ कोई आवाज उठाने की हिम्मत नही करता। नदी के एक से चार किमी दायरे के अंग्रेजी शराब व बीयर के दुकान वालों की बिक्री तस्करी पर ही निर्भर है। आबकारी विभाग राजस्व बढ़ाने चक्कर में कोई कार्रवाई न कर उल्टे अनुज्ञापियों का प्रोत्साहन बढ़ाने का काम करता है। तस्कर शराब बोतल पर लगे बार कोड़ उखाड़ कर बिहार में तस्करी करते हैं। कुछ दुकानदार लाइसेंसी दुकान की आड़ में हरियाणा निर्मित अंग्रेजी शराब की तस्करी कर रहे हैं। वही पशु तस्कर पशु व्यापारी की आड़ में सप्ताह में दो दिन दर्जनों पशुओं को बैरिया, रेवती, हल्दी, दुबहड़, कोतवाली, फेफना, नरही व सिकन्दरपुर क्षेत्र के नदी के तटवर्ती घाटों से ले जाते हैं। तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई न होने से स्थानीय लोग विरोध करने से बचते हैं। पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ देशी शराब तस्करों को पकड़ कर खानापूर्ति करने का काम करती है।
केस 1 – फेफना थाना के माल्देपुर संगमघाट पर 17 मई को ग्रामीणों ने प्लाटून पुल से बिहार जा रही पिकअप को पकड़ा। तस्कर तीन गाय को लादकर बिहार ले जा रहे थे। उन्होने पुलिस को सौप दिया।
केस 2- जनेश्वर मिश्र सेतु से दुबहड़ पुलिस ने जनवरी माह में मुखबिर की सूचना पर लग्जरी वाहन में लाद कर ले जा रहे अंग्रेजी शराब की बढ़ी खेप पकड़ी। इसमें दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया।